केंद्र सरकार ने मेघालय के पश्चिम गारो हिल्स जिले में तुरा बाईपास परियोजना के लिए 951.27 करोड़ रुपये की बड़ी धनराशि मंजूर की है, जो क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा। यह परियोजना पूर्वोत्तर भारत के यातायात नेटवर्क को बदलने की क्षमता रखती है, इसलिए यह वर्तमान में ट्रेंडिंग विकास योजनाओं में शामिल है। यह प्रस्तावित दो लेन बाईपास, 29.03 किलोमीटर लंबा, NH-127B को NH-217 से जोड़ेगा, जिससे तुरा शहर में ट्रैफिक दबाव कम होगा और सड़क दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी। यह बाईपास स्थानीय लोगों को राहत देगा और गुवाहाटी से बांग्लादेश सीमा तक माल परिवहन को आसान बनाएगा, जिससे सीमा पार व्यापार बढ़ेगा। सरकार का यह फैसला ‘विकसित भारत @2047’ अभियान की दिशा में एक रणनीतिक कदम है, जो बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा और उत्तरी ईस्ट को राष्ट्रीय विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगा।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
मेघालय के पश्चिम गारो हिल्स जिले में तुरा क्षेत्र को जल्द ही बड़ी बुनियादी ढांचा सुविधा मिलने जा रही है। केंद्र सरकार ने तुरा बाईपास परियोजना को 951.27 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह परियोजना क्षेत्रीय परिवहन को आसान बनाएगी और राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को मजबूत बनाएगी। यह बाईपास NH-127B के सांचोंगग्रे गांव से NH-217 के जेंगगिचग्रे गांव तक 29.03 किलोमीटर की दो लेनों वाली पक्की सड़क होगी। यह मार्ग तुरा शहर के भीड़भाड़ वाले भागों को पार करेगा, जिससे भारी वाहनों और लंबी दूरी के यात्री परिवहन को शहर के मुख्य भागों से गुजरना नहीं पड़ेगा।
मुख्य उद्देश्य और लाभ:
इस परियोजना का मूल उद्देश्य है यातायात दबाव को कम करना, सड़क दुर्घटनाओं को कम करना और व्यापारिक संपर्क को आसान बनाना। यह बाईपास खासतौर पर तुरा जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों को तेज करेगा।
यह सड़क गुवाहाटी और बांग्लादेश सीमा पर स्थित दालू लैंड कस्टम्स स्टेशन के बीच यातायात को सुगम बनाएगी और सीमा पार व्यापार को आसान बनाएगी।
तुरा बाईपास, पूर्वोत्तर भारत के लिए रणनीतिक लाभ:
यह सिर्फ एक स्थानीय सड़क परियोजना नहीं है; यह एक लॉजिस्टिक रीढ़ बन सकता है। यह स्थान भौगोलिक रूप से संवेदनशील है और यातायात की कमी अक्सर इसे प्रभावित करती है। इस परियोजना से आपातकालीन सेवाओं, चिकित्सा सुविधाओं और आर्थिक सुविधाओं में सुधार होगा।