Jarosite Discovery in Kutch

Jarosite    (KFe₃(SO₄)₂(OH)₆)

गुजरात के कच्छ जिले में स्थित एक छोटा सा गाँव माटानोमढ़ आज विश्वभर के वैज्ञानिकों के लिए चर्चा का विषय बन गया है। कारण है यहाँ मिला एक दुर्लभ खनिज – जैरोसाइट (Jarosite)। यह खनिज पहले केवल मंगल ग्रह पर खोजा गया था, लेकिन अब इसकी उपस्थिति भारत की धरती पर पाई गई है। जैरोसाइट की यह खोज न केवल भूगर्भीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत को भविष्य के मंगल मिशनों की तैयारी में एक अनोखा अवसर भी प्रदान करती है।

जैरोसाइट क्या है?

Chemical Formula KFe₃(SO₄)₂(OH)₆ — यह पोटैशियम, लौह और सल्फेट से बना एक खनिज है।
Appearance पीले से भूरे रंग का, नाजुक संरचना वाला और मोहोस कठोरता 2.5–3.5 होती है।
Formation Conditions यह खनिज अत्यधिक अम्लीय (acidic) और ऑक्सीकारक (oxidizing) वातावरण में तब बनता है जब लौह सल्फाइड खनिज (जैसे पाइराइट) टूटते हैं।
NASA के Opportunity रोवर ने 2004 में मंगल ग्रह पर इसी खनिज की खोज की थी, जो वहां की जलवायु में पानी और अम्लीयता का प्रमाण था।

जैरोसाइट एक सल्फेट खनिज है जिसकी रासायनिक संरचना KFe₃(SO₄)₂(OH)₆ होती है। यह खनिज पीले-भूरे रंग का होता है और आमतौर पर अम्लीय और ऑक्सीकारक परिस्थितियों में बनता है। इसका निर्माण तब होता है जब लौह-सल्फाइड खनिज (जैसे पाइराइट) टूटते हैं और सल्फेट युक्त जल के साथ प्रतिक्रिया करते हैं। जैरोसाइट को पहली बार NASA के Opportunity रोवर ने 2004 में मंगल की सतह पर खोजा था, जिससे यह माना गया कि मंगल पर किसी समय पानी की उपस्थिति रही होगी  |भारत में इस खनिज की खोज ISRO के Space Applications Centre (SAC) के वैज्ञानिकों द्वारा 2016 में प्रारंभिक अध्ययन के दौरान की गई।

Read Now : Rajasthan Police SI Recruitment 2025

कच्छ के माटानोमढ़ क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने पाया कि वहाँ की 5.5 करोड़ वर्ष पुरानी (Paleocene काल की) तलछटी चट्टानों में जैरोसाइट की उपस्थिति है। माना जाता है कि यह खनिज तब बना जब उस क्षेत्र में ज्वालामुखीय राख समुद्री जल से मिली और उनके रासायनिक मिश्रण से जैरोसाइट का निर्माण हुआ। माटानोमढ़ की भूगर्भीय स्थिति और जलवायु विशेषताएँ मंगल ग्रह की सतह से काफी मिलती-जुलती हैं। यही कारण है कि वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र को एक संभावित Mars Analogue Site घोषित किया है। इसका अर्थ है कि भविष्य में भारत या अन्य देशों के मंगल मिशनों से जुड़ी टेक्नोलॉजी, रोवर, उपकरण और सेंसर पहले इसी स्थल पर परखे जा सकते हैं।

Jarosite    (KFe₃(SO₄)₂(OH)₆)
  • जैरोसाइट एक दुर्लभ सल्फेट खनिज है, जिसकी खोज पहले मंगल ग्रह पर हुई थी।
  • भारत में इसकी खोज गुजरात के कच्छ जिले के माटानोमढ़ क्षेत्र में की गई।
  • यह खनिज 5.5 करोड़ वर्ष पुरानी चट्टानों में पाया गया, जो पेलियोसीन काल से संबंधित हैं।
  • इसका निर्माण ज्वालामुखीय राख और समुद्री जल की रासायनिक प्रतिक्रिया से हुआ।
  • माटानोमढ़ की भौगोलिक और रासायनिक परिस्थितियाँ मंगल ग्रह से मेल खाती हैं।
  • यह क्षेत्र भारत के लिए एक Mars Analogue Site के रूप में उभर कर सामने आया है।
  • जैरोसाइट एक “luminescence clock” की तरह काम करता है और 25,000 वर्षों की घटनाओं को रिकॉर्ड कर सकता है।
  • इसमें जैविक अणुओं को संरक्षित करने की क्षमता है — जो मंगल पर जीवन की खोज में सहायक हो सकती है।
  • यह स्थल कोयला खनन और पर्यावरणीय खतरों के कारण संकट में है।
  • वैज्ञानिकों ने इसे “Planetary Geo-heritage Site” घोषित करने की मांग की है ताकि इसका वैज्ञानिक महत्व संरक्षित रह सके।

इस खनिज की सबसे विशेष बात यह है कि इसमें “luminescence clock” के रूप में काम करने की क्षमता है। यानी यह खनिज पिछले हजारों वर्षों की प्राकृतिक घटनाओं को रिकॉर्ड कर सकता है — जैसे धूल भरे तूफान, बाढ़, या सूर्य की विकिरणों के प्रभाव। वैज्ञानिकों का मानना है कि जैरोसाइट की मदद से 25,000 साल तक पुरानी घटनाओं को मापा जा सकता है। इतना ही नहीं, जैरोसाइट में जैविक अणुओं को संरक्षित करने की क्षमता भी होती है, जिससे यह मंगल पर जीवन के प्रमाण खोजने में भी सहायक हो सकता है।

हालांकि यह स्थल अत्यंत वैज्ञानिक महत्व का है, लेकिन यह कोयला खनन, जलभराव और मानवीय हस्तक्षेप के कारण खतरे में है। वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों ने सरकार से इसे “Planetary Geo-heritage Site” घोषित करने की अपील की है ताकि इसका संरक्षित रूप में अध्ययन किया जा सके और आने वाली पीढ़ियों को इसकी जानकारी मिल सके।

Join WhatsApp Channel  Join Now
Join Telegram Channel Join Now